वायु प्रदूषण से भारत में 12 लाख मौतें हुईं : रिपोर्ट
अमेरिका के हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट (HEI) द्वारा 03 अप्रैल, 2019 को विश्वभर में वायु गुणवत्ता से संबंधित एक रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट का शीर्षक “स्टेट ऑफ़ ग्लोबल एयर-2019” है। रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2017 के दौरान भारत में 12 लाख लोगों की मौत हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 में स्ट्रोक, डायबिटीज़, हार्ट अटैक, फेफड़े के कैंसर या फेफड़े की पुरानी बीमारियों से दुनियाभर में करीब 50 लाख लोगों की मौत हुई है। जिनमें से 30 लाख लोगों की मौत पीएम 2.5 कणों की वजह से हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक़:-
- वायु प्रदूषण के उच्च स्तर के कारण दक्षिण एशिया में बच्चों की औसत जीवन प्रत्याशा में ढाई साल तक की कमी हो सकती है, जबकि वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 20 महीने की कमी आएगी।
- भारत में वायु प्रदूषण स्वास्थ्य संबंधी सभी खतरों से होने वाली मौतों में तीसरा सबसे बड़ा कारण है।
- वर्ष 2017 में भारत में 846 मिलियन तथा चीन में 452 मिलियन लोग घरेलू प्रदूषण का शिकार हुए हैं।
- भारत में घरेलू प्रदूषण के लिए पीएम 2.5 के मुख्य स्रोतों में कंस्ट्रक्शन से उड़ने वाली धूल, ईंधन के रूप में जलावन का उपयोग, औद्योगिक कल-कारखानों में कोयले का उपयोग, डीज़ल आधारित इंजन एवं अन्य बहुत से कारण उत्तरदायी हैं।
- विश्व में 2017 में सबसे अधिक 2.5 हानिकारक अवयव पाए गये हैं। इनमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल सबसे अग्रणी देश हैं।
- दक्षिण एशिया के देश भूटान में सबसे कम प्रदूषण पाया गया लेकिन यहां पाया गया 2.5 मानक तयशुदा मानक से अधिक था।