5वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (5th National Handloom Day) मनाया गया
5वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (5th National Handloom Day) 07 अगस्त, 2019 को देश के विभिन्न राज्यों में अवस्थित राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) के 16 परिसरों और बुनकर सेवा केंद्रों में मनाया गया। इस दौरान राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के लिए दिल्ली में पहले से ही निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दुखद एवं असमय निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने को ध्यान में रखते हुए ही ये कार्यक्रम रद्द किये गए।
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उद्देश्य
देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा उद्योग के महत्तव के बारे में जागरूकता फैलाने तथा भारत के हथकरघा उद्योग पर रौशनी डालने और हथकरघा बुनकरों का सम्मान करने के उद्देश्य से प्रति वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
ग़ौरतलब है कि प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई स्थित मद्रास विश्वविद्यालय की शताब्दी के अवसर पर किया गया था।
मुख्य बिंदु
- मुख्य कार्यक्रम ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता राज्य की उद्योग, हथकरघा, हस्तशिल्प एवं वस्त्र मंत्री पद्मिनी दियान ने की।
- भुवनेश्वर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना है।
- भुवनेश्वर को हथकरघे की समृद्ध परंपरा के कारण मुख्य आयोजन स्थल के रूप में चुना गया।
- ग़ौरतलब है कि भारत के बुनकरों की 50 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बसती है जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं।
- इस दौरान हथकरघा मेला एवं प्रदर्शनी, कार्यशालाएं और पैनल परिचर्चाएं आयोजित की गईं तथा एनआईएफटी के गांधीनगर एवं कोलकाता परिसरों में हथकरघा उत्पादों के लिए विशेष स्टॉल लगाए गए।
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5वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (5th National Handloom Day) के अवसर पर देशभर में आयोजित गतिविधियां
- चौथी अखिल भारतीय हथकरघा गणना रिपोर्ट जारी की गई।
- विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र दिये गए।
- पहचान कार्डों और यार्न पासबुक का वितरण।
- मुद्रा ऋण का वितरण।
- कार्यस्थलों (वर्कशेड) के निर्माण के लिए लाइटिंग यूनिट और प्रमाण पत्रों का वितरण
- 16 एनआईएफटी परिसरों और हथकरघा मेला एवं प्रदर्शनी, गांधीनगर और कोलकाता एनआईएफटी परिसरों में कार्यशालाओं, पैनल चर्चाओं और हथकरघा उत्पादों के लिए विशेष मंडप।
- बुनकरों और उनके बच्चों के लिए शैक्षिक अवसरों के बारे में सूचना प्रदान करने के लिए इग्नू/एनआईओएस के माध्यम से कार्यशाला।
पृष्ठभूमि
केन्द्र सरकार द्वारा जुलाई 2015 में इस दिन अर्थात् 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस घोषित किया गया था। ध्यातव्य है कि ब्रिटिश सरकार द्वारा किए जा रहे बंगाल के विभाजन का विरोध करने के लिए 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था। इसी उपलक्ष्य में 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में चुना गया। इस आंदोलन का उद्देश्य घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं में नई जान डालना था। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस देश के सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघे के योगदान और बुनकरों की आमदनी में वृद्धि करने पर ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास करता है।
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