सरकार की 2020 तक देशभर में ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना लागू करने की घोषणा

केन्द्रीय उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के मंत्री राम विलास पासवान ने बताया कि सरकार 30 जून 2020 तक देशभर में ‘एक देश, एक राशनकार्ड’ योजना (One Nation, One Ration Card) लागू करेगी। राम विलास पासवान ने यह घोषणा 29 जून, 2019 को दिल्ली में मीडिया से बातचीत करने के दौरान की।
राम विलास पासवान ने कहा कि सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ने और पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था अपने अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा कि ‘एक देश, एक राशनकार्ड’ योजना को पूरे देश में कार्यान्वित करने हेतु कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
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मुख्य बिंदु
- रामविलास पासवान ने 27 जून, 2019 को राज्य खाद्य सचिवों, राज्य सरकार के अधिकारियों तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केन्द्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगम (एसडब्ल्यूसी) के साथ बैठक की।
- बैठक में ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना में हुई प्रगति की समीक्षा की गई।
- ग़ौरतलब है कि सरकार द्वारा देश में खाद्य पदार्थों पर 1.45 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। इसके तहत गरीबों को 2 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 3 रुपये प्रति किलो की दर से चावल दिया जा रहा है। लेकिन सभी ज़रूरतमंद लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं जिसके चलते सरकार द्वारा ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना तैयार की गई है।
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‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के बारे में
- खाद्य मंत्रालय द्वारा देश के सभी मौजूदा राशन कार्ड्स का एक सेंट्रल डेटाबेस बनाया जाएगा जिससे सभी को एक ही स्थान से निर्देशित किया जा सकेगा।
- कोई भी भारत सरकार द्वारा जारी राशन कार्ड धारक देश में किसी भी स्थान पर मौजूद राशन की दुकान से निर्धारित राशन ले सकेगा।
- सरकार के अनुसार, पूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को डिपो ऑनलाइन प्रणाली (डीओएस) के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभों को लोगों तक पहुंचाने में कोई अवरोध न हो।
- आगामी चार माह के भीतर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राज्य सरकारों को डीओएस के साथ जोड़ने के लिए इंटरनेट गेट-वे उपलब्ध कराएगा।
- इसके दो महीनों के अंदर राज्य सरकारें अपनी भंडारण प्रणाली को डीओएस के साथ जोड़ सकेंगी।
- खाद्यानों की खरीद के समय से लेकर इसके वितरण तक सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर फोकस किया गया है जो इसकी पारदर्शिता को बनाए रखते हुए एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर पूरी प्रक्रिया की समग्र दक्षता को बढ़ाने में मदद करेगा।
10 राज्यों में 100 प्रतिशत कार्य पीओएस मशीनों के ज़रिये
आंध्र प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, त्रिपुरा और तेलंगाना देश के ऐसे 10 राज्य हैं, जहां वर्तमान में खाद्यान्न वितरण का 100 फ़ीसदी कार्य पीओएस मशीनों के ज़रिये हो रहा है। इन राज्यों में लाभार्थी सार्वजनिक वितरण की किसी भी दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि 15 अगस्त, 2019 से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों के लाभार्थी दोनों राज्यों में स्थित किसी भी दुकान से अनाज प्राप्त कर सकेंगे। इन राज्यों में सार्वजनिक वितरण की सभी दुकानों को इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है।
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