“स्फूर्ति (SFURTI) योजना”
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने संसद में बजट 2019-20 में “स्फूर्ति” (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries – SFURTI) योजना के तहत बांस उद्योग, शहद उद्योग और खादी उद्योग जैसे परंपरागत उद्योगों को प्राथमिकता देने की बात की। ग़ौरतलब है कि स्फूर्ति योजना की शुरुआत वर्ष 2005 में ‘क्लस्टर डेवलपमेंट’ (Cluster Development) को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।
उद्देश्य
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा संचालित स्फूर्ति योजना का उद्देश्य परंपरागत उद्योगों के उन्नयन और पुनर्विकास के लिए वित्त की व्यवस्था करना है।
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लक्ष्य
योजना के तहत और अधिक साझा सुविधा केंद्रों की स्थापना करने तथा परंपरागत उद्योगों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए समावेशी रोज़गार की व्यवस्था करने का लक्ष्य रखा गया है।
“स्फूर्ति” (SFURTI) योजना के मुख्य बिंदु
- यह परंपरागत उद्योगों के सृजन हेतु निधि की योजना है।
- स्फूर्ति योजना के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान 100 नए समूह (Cluster) स्थापित करने की परिकल्पना की गई है जिससे लगभग 50 हज़ार कारीगरों/हस्तशिल्पियों को रोज़गार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे।
- स्फूर्ति योजना का लक्ष्य कुटीर उद्योगों को अधिक उत्पादक और लाभ कमाने वाला बनाना है।
- स्फूर्ति योजना को बढ़ावा देने तथा इसे तकनीक से जोड़ने के लिए सरकार के द्वारा इसे “एस्पायर” (Scheme for Promotion of Innovation, Rural Industry and Entrepreneurship-ASPIRE) योजना के तहत प्रमोट किया जाएगा।
- “एस्पायर योजना” के तहत ग्रामीणों के जीविकोपार्जन के लिए व्यवसाय और व्यापार की योजनाएं बनती हैं।
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विदित हो कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम मंत्रालय ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान योजना में निश्चित संशोधन कर इसकी प्रोन्नति हेतु विस्तृत रूप में बजट बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था।
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