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4 नये उत्पादों को मिला जीआई टैग (GI Tag)

4 New Products get GI Tag

हाल ही में उद्योग एवं आंतरिक व्‍यापार संवर्धन विभाग ने तमिलनाडु, मिज़ोरम और केरल के 4 नये भौगोलिक संकेतकों (जीआई) को पंजीकृत किया। इन उत्पादों में तमिलनाडु के डिंडीगुल ज़िले के पलानी शहर के पलानीपंचामिर्थम (PalaniPanchamirtham), मिज़ोरम के तवलोहपुआन (Tawlhlohpuan) एवं मिज़ो पुआनचेई (Mizo Puancheifrom) और केरल के तिरुर के पान के पत्‍ते (Tirur Betel Leaf) को पंजीकृत जीआई की सूची में शामिल किया गया है।

ग़ौरतलब है कि जीआई टैग (GI Tag) वाले उत्‍पादों से दूरदराज़ के क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था लाभान्वित होती है, क्‍योंकि इससे कारीगरों, किसानों, शिल्‍पकारों और बुनकरों की आमदनी बढ़ती है।

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पलानीपंचामिर्थम (तमिलनाडु)

  • यह राज्य के डिंडीगुल ज़िले के पलानी शहर की पलानी पहाड़ियों में अवस्थित अरुल्मिगु धान्‍दयुथापनी स्‍वामी मंदिर के पीठासीन देवता भगवानधान्‍दयुथापनी स्‍वामी के अभिषेक से जुड़ा प्रसाद होता है।
  • इस अत्‍यंत पावन प्रसाद को एक निश्चित अनुपात में पांच प्राकृतिक पदार्थों जैसे- केले,  गुड़-चीनी,  गाय के घी, शहद और इलायची को मिलाकर बनाया जाता है।
  • ध्यातव्य है कि यह पहली बार है जब तमिलनाडु के किसी मंदिर के प्रसादम को जीआई टैग दिया गया है।

तवलोहपुआन (मिज़ोरम)

  • यह एक अत्‍यंत मज़बूत, भारी एवं उत्‍कृष्‍ट वस्‍त्र है जो तने हुए धागे, बुनाई और अपने जटिल डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध है।
  • इसे हाथ से बुना जाता है।
  • मिज़ो समाज में तवलोहपुआन का विशेष महत्त्व है और इसे पूरे मिज़ोरम राज्‍य में तैयार किया जाता है।
  • आइज़ोल और थेनजोल शहर इसके उत्पादन के मुख्य केंद्र हैं। मिज़ो भाषा में तवलोह का मतलब है “एक ऐसी मज़बूत चीज़ जिसे पीछे नहीं खींचा जा सकता है”।

मिज़ोपुआनचेई (मिज़ोरम)

  • यह एक रंगीन मिज़ो शॉल अथवा वस्‍त्र है जिसे मिज़ो वस्‍त्रों में सबसे रंगीन वस्‍त्र माना जाता है।
  • मिज़ोरम की प्रत्‍येक महिला का यह एक अनिवार्य वस्‍त्र है।
  • यह राज्य की एक बेहद महत्त्वपूर्ण शादी की पोशाक है। मिज़ोरम में मनाए जाने वाले उत्‍सवों के दौरान होने वाले नृत्‍य और औपचारिक समारोहों में आमतौर पर इस पोशाक का ही उपयोग किया जाता है।

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तिरुर का पान का पत्ता (केरल)

  • राज्य के इस प्रसिद्ध पान के पत्‍ते की खेती मुख्‍यत: तिरुर, तनूर, तिरुरांगडी, कुट्टिपुरम और मलप्‍पुरम ज़िले के वेंगारा प्रखंड की पंचायतों में की जाती है।
  • इसका स्‍वाद अच्छा होता है।
  • यह पान का पत्ता अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है। इस पान का प्रयोग आमतौर पर पान मसाला बनाने में किया जाता है और इसके कई औषधीय, सांस्‍कृतिक एवं औद्योगिक उपयोग भी हैं।

जीआई टैग (GI Tag) क्या है?

जीआई टैग (GI Tag) या पहचान उन उत्‍पादों को दी जाती है जो किसी विशिष्‍ट भौगोलिक क्षेत्र में ही पाए जाते हैं और उनमें वहां की स्‍थानीय खूबियाँ अंतर्निहित होती हैं। दरअसल, जीआई टैग लगे किसी उत्‍पाद को खरीदते वक्‍त ग्राहक उसकी विशिष्‍टता एवं गुणवत्‍ता को लेकर आश्‍वस्‍त रहते हैं।

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