भारतीय नौसेना द्वारा किया गया MRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण
भारतीय नौसेना ने 17 मई, 2019 को मध्यम दूरी की ज़मीन से हवा में मार करने की क्षमता वाली मिसाइल “MRSAM” का सफल परीक्षण किया। भारतीय नौसेना के पोत ‘कोच्चि ’और ‘चेन्नई ’ ने पश्चिमी समुद्र तट पर यह परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में यह जानकारी सार्वजनिक की गई है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण से भारतीय नौसेना की युद्ध प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।
एमआरएसएएम मिसाइल की विशेषताएं:
- यह मिसाइल 14.76 फीट लंबी और 276 किलोग्राम वज़नी है।
- यह 2469.6 किमी प्रति घंटे की गति से दुश्मन पर हमला कर सकती है।
- हवाई रक्षा के लिए एमआरएसएएम मिसाइल हर मौसम में काम कर सकती है।
- 360 डिग्री पर घूमकर विभिन्न तरह के खतरों के विरुद्ध हमला कर सकती है।
- 70 किमी के दायरे में आने वाली मिसाइलों, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों, निगरानी विमानों और अवाक्स (हवाई चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली) को मार गिराने में सक्षम है।
मुख्य बिंदु:
- इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय नौसेना, डीआरडीओ और इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
- भारत डायनामिक्स लिमिटेड ने भी एमआरएसएएम के निर्माण एवं विकास में मुख्य भूमिका निभाई है।
- यह मिसाइल लड़ाकू विमान को भी नष्ट कर सकती है तथा सटीक वार कर सकती है।
- मध्यम दूरी तक मार कर सकने वाली यह मिसाइलें 70 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साधने में सक्षम हैं।
- भारतीय नौसेना द्वारा किये गये परीक्षण के दौरान दो वॉर शिप की मिसाइलों को एक शिप से ऑपरेट किया गया। इन्हें अलग-अलग टारगेट पर साधा गया जिनकी रेंज भी अलग-अलग रखी गई थी।
- वर्तमान में इन मिसाइलों की सुविधा केवल चीन, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस के पास की है।
इस मिसाइल को देश के सभी बड़े युद्धपोतों पर तैनात किया जाएगा। इस मिसाइल प्रणाली से हवाई, समुद्री तथा ज़मीनी खतरों से बड़ी आसानी से निपटा जा सकता है। इस मिसाइल प्रणाली में डिजिटल राडार, कमांड एंड कण्ट्रोल, लॉन्चर तथा इंटरसेप्टर्स होते हैं। इससे भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता में इज़ाफा होगा।