18 अप्रैल को मनाया गया “विश्व विरासत दिवस” (World Heritage Day)

अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (International Council on Monuments and Sites- ICOMOS) द्वारा 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) के रूप में मनाया गया। इस दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक विरासत की विविधता की महत्ता के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा भविष्य के लिये संरक्षित करना है।
World Heritage Day का विषय (Theme)
वर्ष 2020 के लिये विश्व विरासत दिवस का विषय “साझा संस्कृति, साझा विरासत, साझा ज़िम्मेदारी” (Shared Cultures, Shared Heritage, Shared Responsibility) रहा। जबकि वर्ष 2019 के लिए इस दिवस का विषय – “ग्रामीण परिदृश्य” (Rural Landscapes) था।
COVID-19 महामारी की गंभीरता और व्यापकता को देखते हुए इस वर्ष इस दिवस को इंटरनेट के माध्यम से मनाने का निर्णय लिया गया जिसमें आभासी सम्मेलन, ऑनलाइन व्याख्यान, प्रेस विज्ञप्ति एवं सोशल मीडिया अभियान जैसी कई गतिविधियाँ शामिल की गईं।
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ग़ौरतलब है कि विश्व भर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (ICOMOS), जिसकी स्थापना ‘वेनिस चार्टर’ (Venice Charter) में उल्लिखित सिद्धांतों के आधार पर की गई थी, के द्वारा प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है। परिषद (ICOMOS) द्वारा वर्ष 1982 में इस दिवस को मानाने का प्रस्ताव किया गया था जिसे यूनेस्को (UNESCO) की 1983 में हुई 22वीं आम सभा द्वारा अनुमोदित किया गया।
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