सउदी अरब ने की कोड़े मारने की सज़ा ख़त्म
सऊदी अरब के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में देश में कोड़े मारने की सज़ा ख़त्म करने की घोषणा की है। यह सऊदी अरब के शाह और युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान (Mohammad Bin Salman) द्वारा मानवाधिकार की दिशा में उठाया गया एक ताज़ा कदम है। इस निर्णय से अब जज के पास अपराधी को जेल भेजने, जुर्माना वसूलने अथवा समाज सेवा की सज़ा का विकल्प होगा।
उच्चतम न्यायालय के अनुसार, ताज़ा सुधार का लक्ष्य ‘देश को शारीरिक दंड’ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों के मानदंडों के और करीब लाना है। न्यायालय ने एक बयान में कहा कि भविष्य में न्यायाधीशों को जुर्माना, जेल या फिर सामुदायिक सेवा जैसी सज़ाएं चुननी होंगी। यहाँ अदालतें विवाहेत्तर यौन संबंध, शांति भंग करना और हत्या तक के मामलों में आसानी से दोषी को कोड़े मारने की सज़ा सुना सकती थीं।
कोड़े मारने की सज़ा की आलोचना विश्वभर में हमेशा से ही होती रही है, किंतु हाल ही में 69 वर्षीय कार्यकर्ता अब्दुल्ला अल-हामिद (Abdullah al-Hamid) की हिरासत में दिल का दौरा पड़ने से हुई मौत के बाद सऊदी अरब में मानवाधिकारों को लेकर सवाल उठ खड़े हुए थे, जिसके कारण एक बार फिर से सऊदी अरब मानवाधिकारों के हनन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर आ गया था।
इससे पूर्व सऊदी अरब में कोड़े मारने का सबसे बड़ा मामला साल 2014 में सामने आया था जब ब्लॉगर रायफ बदावी (Raif Badawi) को इस्लाम की तौहीन, साईबर अपराध और अपने पिता की अवहेलना का दोषी बताते हुए 10 साल कैद और 1000 कोड़े मारने की सज़ा सुनाई गई थी। इस घटनाक्रम ने दुनियाभर में सऊदी अरब को आलोचना का विषय बना दिया था। अब इसी के मद्देनज़र सरकार ने यह सुधारात्मक फैसला किया है।
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फ्रीडम हाउस (Freedom House) की Freedom In The World 2020 रैंकिंग
फ्रीडम हाउस (Freedom House) द्वारा हाल ही में राजनीतिक अधिकार और नागरिक स्वतंत्रता पर जारी एक वैश्विक सूचकांक Freedom In The World 2020 में सऊदी अरब को 100 में से केवल 7 अंक देते हुए NOT FREE देश की Category में रखा गया। इसमें NOT FREE का अर्थ है कि इस देश के नागरिकों को न के बराबर स्वतंत्रता हासिल है।
इसके अलावा प्रेस की स्वतंत्रता, महिला अधिकार आदि की भी स्थिति यहाँ अच्छी नहीं है जिसके चलते भी सऊदी अरब को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता रहता है।
ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब की अदालतों द्वारा दी जाने वाली कोड़े मारने की सज़ा का पूरी दुनिया के मानवाधिकार समूह विरोध करते रहे हैं क्योंकि कई बार यहाँ अदालतें 100 कोड़े तक मारने की सज़ा सुनाती थीं।
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सऊदी अरब के बारे में
- सऊदी अरब मध्यपूर्व में स्थित एक सुन्नी मुस्लिम देश है। इसका आधिकारिक नाम “The Kingdom Of Saudi Arabia” है।
- यह अरब प्रायद्वीप के क़रीब 80 फ़ीसदी भाग में फैला हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह विश्व का 14वां सबसे बड़ा देश है।
- भौगोलिक दृष्टि से सऊदी अरब एशिया में पांचवां सबसे बड़ा और अरब दुनिया में अल्जीरिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- इस देश की सीमाएं क़तर, कुवैत, इराक़, यमन, UAE, जॉर्डन और ओमान से मिलती हैं।
- अकाबा की खाड़ी इसे इज़राइल और मिस्र से अलग करती है।
- यहाँ की भूमि मुख्यतः रेतीली और मरुस्थलीय जलवायु होने के कारण यहाँ की 1 फ़ीसदी भूमि ही कृषि योग्य है।
- सऊदी अरब को आय का बहुत बड़ा हिस्सा तेल निर्यात से प्राप्त होता है।
- यह एक इस्लामी राजतंत्र है जिसकी स्थापना 1750 के आसपास सऊद द्वारा की गई थी (जहाँ अरब मरुस्थलीय क्षेत्र का विस्तार है) और अरब मरुस्थलीय क्षेत्र में होने के कारण इसे सऊदी अरब कहते हैं।
- इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब का जन्म यहाँ हुआ था। मक्का और मदीना नामक दो पवित्र शहर यहाँ स्थित हैं।
- यहाँ शरियत क़ानून (Islamic law or Sharia law) लागू है। यह एक धार्मिक क़ानून है जो पवित्र क़ुरान (Holy Qur’an) में बताया गया है। अर्थात् इस्लाम में निर्धारित क़ानूनों को ही शरियत या इस्लामी क़ानून कहते हैं।