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Odisha में फिशिंग कैट (Fishing Cat) के लिये संरक्षण परियोजना

ओडिशा (Odisha) के वन विभाग ने हाल ही में राज्य के केंद्रपाड़ा (Kendrapara) ज़िले के भीतरकनिका नेशनल पार्क (Bhitarkanika National Park) में फिशिंग कैट (Fishing Cat) के लिये दो वर्षीय संरक्षण परियोजना (Conservation Project) की शुरूआत की है।

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मुख्य बिंदु

  • इस ‘संरक्षण परियोजना’ को वन विभाग (ओडिशा) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
  • यद्यपि फिशिंग कैट (Fishing Cat) एक प्रसिद्ध प्रजाति नहीं है और इन्हें मगरमच्छों जैसा दर्जा भी नहीं दिया गया है लेकिन इनके संरक्षण का एक मुख्य उद्देश्य इस प्रजाति को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना है।
  • वर्ष 2019 में भीतरकनिका नेशनल पार्क में एक ‘स्तनधारी जनगणना’ (Mammal Census) के दौरान केवल 20 फिशिंग कैट को देखा गया था किंतु यह जनगणना दिन में की गई थी इसलिये पार्क में फिशिंग कैट की आबादी पर कोई सटीक पारिस्थितिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
  • ध्यातव्य है कि हाल ही में भीतरकनिका नेशनल पार्क में खारे जल के मगरमच्छों के लिये इसी तरह की संरक्षण परियोजना चलाई गई थी।
  • जनवरी 2020 की रेंगने वाले जीवों की जनगणना (Reptile Census) के अनुसार, भीतरकनिका (पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा मैंग्रोव वन क्षेत्र) 1757 खारे पानी के मगरमच्छों का निवास स्थान है।

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फिशिंग कैट (Fishing Cat) क्या है?

  • फिशिंग कैट एक प्रकार की मछली पकड़ने वाली बिल्ली होती है।
  • ये बिल्लियाँ अपने भोजन के लिये भीतरकनिका नेशनल पार्क के जल निकायों में मछली एवं क्रस्टेशियंस (Crustaceans) का शिकार करती हैं।
  • जल निकायों में गोता लगाकर ये अपने झुके हुए पँजों से शिकार को पकड़ती हैं। ये वनों के पास के गाँवों में पशुधन एवं मुर्गियों का शिकार भी करती हैं।

संरक्षण की स्थिति

  • अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत फिशिंग कैट को ‘लुप्तप्राय प्रजाति के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन’ (United Nations Convention on International Trade in Endangered Species- CITES) के अनुच्छेद-IV की परिशिष्ट-II में सूचीबद्ध किया गया है।
  • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (Indian Wildlife (Protection) Act, 1972) की पहली अनुसूची के तहत भी इस प्रजाति को वर्गीकृत किया गया है।

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IUCN की रेड लिस्ट में शामिल

यह प्रजाति विलुप्त होने के एक उच्च ख़तरे का सामना कर रही है। इसलिये इसे IUCN (International Union for Conservation of Nature) की रेड लिस्ट (Red List) में ‘लुप्तप्राय’ (Endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध किया गया है।

ग़ौरतलब है कि भीतरकनिका क्षेत्र में झींगा माफियाओं ने आर्द्र भूमि एवं मैंग्रोव वनों को झींगा क्षेत्र में परिवर्तित करके जलीय पारिस्थितिकी को नष्ट कर दिया है। जिससे फिशिंग कैट्स के निवास स्थान के लिये भी संकट उत्पन्न हो रहा है।

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